Karim Lala Biography In Hindi | गंगूबाई कठियावाड़ी का मददगार करीम लाला का जीवन परिचय

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Karim Lala Biography In Hindi : करीम लाला पूरा नाम ‘अब्दुल करीम शेर खान’ आज तो हम करीम लाला के बारे में चाहे जैसे बात करें, चाहे जो भी अपने मन में विचार बनाये! लेकिन एक समय ऐसा भी था जब भारत के लोग खास करके मुंबई महाराष्ट्र में रहने वाले करीम लाला का नाम लेने से डरते थे !

एक समय में करीम लाला का नेटवर्क इतना मजबूत था कि हर राजनीतिक दल चाहे वह Ruling Party हो या Opposition  सब उसके साथ चाह कर भी दूरी नहीं बना सकते थे l

कहा जाता है कि सभी का अपना एक वक्त होता है और ऐसा करीम लाला के साथ भी हुआ 1960 से लेकर 1980 तह लगभग बीस साल मुंबई और इंडिया पर माफिया डॉन के रूप में राज करने वाला व्यक्ति अपनी ही की गयी गलतियों के कारण बर्बाद हो गया!

करीम लाला बायोग्राफी इन हिंदी आर्टिकल के माध्यम से आज हम जानेंगे कि कैसे एक प्रवासी और दूसरे देश से आया हुआ व्यक्ति हमारे देश में कैसे अकूत पॉवर और प्रॉपर्टी बना लेता हैl

हाँ और एक बात करीम लाला ने कैसे एक ऐसी औरत जिसका नाम गंगुबाई कठियावाड़ी था, की मदद की, गंगूबाई और करीम लाला के रिश्ते कैसे और कौन रिश्ता था, कैसे करीम लाला डॉन की मदद से एक अबला नारी इतनी सबल हो जाती है कि उसका नाम सुनते ही लोगो की घिघ्घी बंध जाती हैl यह पूरी कहानी ओर Gangubai kathiawadi  movies में करीम लाला के रोल कैसे पेश किया गया है यह जानेंगेl

करीम लाला कौन था?

करीम लाला अफगानिस्तान के शेख बिरादरी से सम्बन्ध रखता थाl करीम लाला का जन्म सन 1911 में कुनर प्रान्त, अफगानिस्तान में हुआ था, जब वह 21 का था तो वह व्यापार करने के उदेश्य से पाकिस्तान के पेशावर के रास्ते से भारत आया!

1930 में भारत पहुचने के बाद उसने सीधे भारत की व्यापारिक राजधानी मुंबई का रुख किया, और अपने परिवार के साथ मुंबई के भेंडी बाजार इलाके में जोकि मुस्लिम बहुल इलाका है वहा रहने लगा!

शुरू-शुरू में तो उसने छोटे मोटे धंधो से अपना काम स्टार्ट किया लेकिन उसको उसमे ज्यादा मुनाफा नहीं लग रहा था, और उसने सोंचा कि ईमानदारी की कमाई से जल्दी विकास नहीं किया जा सकता है! इसलिए उसने कमाई के लिए शॉर्टकट रास्ता अपनाने के बारे दिमाग लगाना प्रारंभ कियाl

मुंबई के ग्रांट रोड़ स्टेशन के पास एक मकान को किराये पर लेकर करीम लाला ने एक जुआ क्लब खोला जिसका नाम रखा सोशल क्लब! इस क्लब ने कम समय में ही मुंबई में अपनी पैठ बना ली और बड़े बड़े सेठ से लेकर नमी गिरामी गुंडे तक उसके क्लुब में जुआ खेलने आने लगेl

लोग जब जुए में अपने पैसे को हार जाते थे तो वह करीम लाला से पैसे व्याज पर उधार लेते थे, इस प्रकार व्याज पर पैसे उधार देना इसका एक प्रमुख धंधा बन गया था!

दस वर्षों में यानी 1940 तक इसका धंधा बहुत जोर से चलने लगा था और दिखाने के लिए वह छोटे मोटे धंधे करता था लेकिन वास्तव में उसका मुख्य बिज़नस तस्करी का था!

करीम लाला के अंडरवर्ल्ड डॉन बनाने की कहानी

पैसा कमाने की जिद और लालच ने करीम लाला को गुनाह के दलदल धकेल दिया, करीम लाला एक व्यापारी से डॉन कसे बना यह पूरी कहानी जानने के लिए आप आगे तक हमारे साथ बने रहेl

Karim Lala Biography In Hindi चालीस के दसक तक करीम लाला का जुए का व्यापार बहुत पैसे देने लगा था और शहर के नामी गुंडों से जान पहचान भी हो गयी थी!

उसने अपना धंधा और नेटवर्क बढ़ाने के लिए कुछ लोगो को लेकर एक गैंग का निर्माण किया और उसका नाम रखा ‘पठान गैंग’ !

अब वह अपने गैंग की सहायता से शहर के अन्य इलाको जैसे डोंगरी, भिन्डी बाजार, मोहम्मद अली रोड के आलावा कई इलाको में दारू और जुएँ के अड्डो को खोला और उनसे कमाना शुरू कर दिया!

लाला ने अपने लडको को लगाकर किराये के मकानों को खाली करवाने का काम शुरू किया और उन किरायेदारो से जबरदस्ती मकानो को खाली करवाता था जो खाली करने से मना कर देते थेl

समय के साथ लाला का रौब बढ़ता गया और वह अपने साथ एक नक्काशी दार छड़ी  लेकर चलते थे जो उन्हें किसी उनके चाहने वाले ने भेंट की थी!

लाला के बारे में यह मशहूर था कि जब किसी पार्टी या समारोह में जाते थे और किसी वजह से उस जगह से कुछ समय के लिए जाना पड़े तो वह अपने छड़ी उसी जगह छोड़ देते थे, तो लोगो की क्या मजाल कि वह लाला के स्थान पर बैठे, यह था करीम लाला का रौबl

और इसी का फायदा उंके करीबी भी उठाते थे, अगर कोई किरायेदार मकान नहीं खली करता था तो लोग उसके घर के बाहर छड़ी रख देते थे और उस छड़ी के प्रभाव से लोग मकान खाली कर देते थेl क्योंकि कोई भी लाला की बात न मानकर मुसीबत मोल नहीं लेना चाहता था!

इसके आलावा उसने तस्करी के काम को और बढाया तथा सट्टा, शराब की तस्करी, अपहरण, जमीन पर कब्ज़ा, धन की उगाही, हफ्ता वसूली, सुपारी लेकर हत्या करना और नकली नोटों जैसे अवैध कारोबार के द्वारा अपने आप को मुंबई में डॉन के रूप में स्थापित किया!

मुंबई का डॉन कौन

जिस समय करीम लाला अपने आप को डॉन रूप में स्थपित कर रहा था उसी समय यानि 1940 के दसक में हाजी मस्तान और वरदराजन मुलियार भी गुनाहों के बादशाह थे और तीनो की ताकत बराबर थी!

इसलिए आये दिन टकराव की स्थिति बन जाती थी तो तीनो ने इससे बचने के लिए मीटिंग की और आपसी सहमति से अपने इलाको को बाँट लिया!

हाजी मस्तान करीम लाला को असली डॉन कहा करता था क्योकि करीम की शख्सियत बहुत जानदार थी और वह काफी मददगार भी था!

मुंबई में गैगवार

अगर आप जानना चाहते है कि मुंबई में पहली गैंग वार कब हुई तो चलो करीम लाला की कहानी को आगे बढ़ाते है! करीम लाला, हाजी मस्तान और वरदाराजन मुदलियार ने अपने इलाको को बाँट कर अपने इलाको में काम करते रहे कभी भी किसी भी रूप में कोई टकराव नहीं हुआl

इन तीनो के आलावा कोई गैगेस्टर उस समय मुंबई में सक्रीय नहीं था, परन्तु उसी समय मुंबई पुलिस कांस्टेबल के दो बेटे दाऊद इब्राहिम और शब्बीर इब्राहीम कासकर ने तस्करी के धंधे में ओने कदम रखे और करीम लाला के इलाके में घुसने लगे!

जिसके फल स्वरूप दोनों गैंगो के बीच तनातनी शुरू हो गयी और करीम लाला ने दाऊद को पकड़ कर बहुत मारा था जिस वजह से दोनों में दुश्मनी का बीज पनपने लगा था!

1981 में इस दुश्मनी के परिणाम स्वरूप पठान गैंग ने दाऊद के भाई शब्बीर की दिनदहाड़े हत्या कर दी, और इसका परिणाम यह हुआ कि मुंबई ने अपनी धरती पर पहला गैंग वार देखाl मुंबई की सडको पर अब गैंग वार शुरू हो चूका था!

एक तरफ दाऊद अपने भाई का बदला लेने के लिए बेचैन था वही दूसरी तरफ करीम लाला दाऊद के दखल से, पांच साल बाद 1986 में दाऊद के गुर्गो ने करीम के भाई रहीम खान को मौत के घाट उतार दिया!

भले ही दाऊद ने लाला के करीबियों को निशाना बनाया और भतीजी समद खान को भी मार दिया लेकिन करीम लाला को निशाना बनाने से बचता रहा!

मक्का में एक मुलाकात के दौरान दोनों के बीच समझौता भी हो गया था, मुसलमानों के बीच करीम लाला और हाजी मस्तान की काफी पैठ थी और दोनों को इज्जत भी दी जाती थी! दोनों ने समाज के लिए कई काम भी किये जैसे लाला ने पख्तून जिरगा-ए-हिंद संगठन बनाया था जो सामाजिक कार्यो का निर्वाह करता था, इसके आलावा हाजी मस्तान ने दलित-मुस्लिम सुरक्षा महासंघ के नाम से राजनैतिक संगठन की स्थापना की थीl

गंगूबाई काठियावाड़ी और करीम लाला के सम्बन्ध

कहा जाता है कि करीम लाला हमेशा गरीब और असहाय लोगो की मदत किया करता था, हमेशा लोह न्याय के लिए लाला के पास जाया करते थे और लाला उन सबकी यथा संभव मदद भी करता थाl

इसकी एक बानगी आपको Upcoming Hindi Movie Gangubai Kathiawadi में देखने को मिलेगा जिसमे गंगूबाई के किरदार को आलिया भट्ट ने बेहतरीन तरीके से निभाया है!

गंगूबाई का गुजरात के काठियावाड़ की रहने वाली थी जिसका वास्तविक नाम हरजीवनदास काठियावाड़ी था अपने प्यार के साथ भागकर सादी करके वह मुंबई आई लेकिन उसके पति ने धोके से उसे कोठे पर 500 रु. में बेच दिया!

गंगूबाई उस समय कमाठीपूरा रेड लाइट एरिया में काफी चर्चा का विषय थी तो पठान गैंग के एक आदमी की नियत गंगूबाई पर डोल गयी!

शौकत खान नाम का यह आदमी जो पठान गैंग से सम्बन्ध रखता था उसने गंगूबाई का दो बार रेप कर दिया, अपने लिए इंसाफ मांगने के लिए गंगूबाई करीम लाला के पास गयी! करीम लाला ने गंगूबाई की काफी मदत की और शौकत खान से उसकी रक्षा की तथा शौकत खान को दंड भी दियाl इसलिय गंगूबाई ने अपने रक्षक लाला को  राखी बांधकर अपना भाई बना लिया!

करीम लाला के संरक्षण ने गंगुबाई को एक लेडी डॉन बना दिया जिसने कोठे पर और असहाय बेसहारा औरतो की काफी मदद भी की!

निर्देशक संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित गंगूबाई कठियावाड़ी फिल्म की कहानी इन्ही दोनों डॉन के किरदार पर आधारित है!

करीम लाला के राजनैतिक सम्बन्ध

वैसे तो करीम लाला ने कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बनायीं थी और न ही कभी किसी पार्टी का समर्थन कियाl परन्तु राज्य और केंद्र की राजनीती में हमेशा उसकी अहम् भूमिका रहती थी सभी राजनीतिक पार्टिया जानती थी कि अंदरखाने लाला जिसकी मदद कर देता है उसको कई सीटो पर जीत मिल जाती है!

इस वजह से राजनेता भी चाह कर भी लाला को इग्नोर नही कर सकते थे, एक फोटो ने हमेशा इस विवाद को बल दिया है, और वह फोटो है उस समय की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी के साथ करीम लाला की, यह तस्वीर साऊथ मुंबई के पाईधुनी गेटो में करीम लाला के ऑफिस में लगी है जिस पर हमेशा बात होती रहती है!

लेकिन यह तो सत्य था की करीम लाला राजनीती में सक्रीय न होने के बावजूद काफी पकड़ रखता था!

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करीम लाला की मौत कैसे हुई (Karim Lala Death)

आँखों में काला चस्मा और सफारी सूत पहन कर हाथ में छड़ी को लेकर जब भी लाला निकलता था तो उसकी अजब ही शान होती थी,l करीम लाला ने जीवन में पैसे अनेको पाप किये हत्याए, की लूट करवाई कितने लोगो को सताया! और अंत समय उसके साथ भी एक कौड़ी नहीं गयी और एक लम्बी बीमारी के बाद 80 वर्ष की आयु में 18 फरवरी 2002 को उसकी म्रत्यु हो गयी!

करीम लाला का जीवन परिचय एक नजर में 

पूरा नाम  (Full Name)अब्दुल करीम शेर खान (Abdul Karim Sher Khan)
जन्म दिन (Date of Birth)सन 1911
पिता का नाम (Father’s Name)ज्ञात नहीं (Un known)
माता का नाम ज्ञात नहीं (Un known)
भारत में रहने का स्थान  ( Place Where Live In India) पायधुनी इलाका मुंबई (Paydhuni Aria Mumbai)
गैंग का नाम (Gaing Name)पठान गैंग (Pathan Gaing)
व्यवसाय (Occupation) सोने हीरे नशीले पदार्थ की तस्करी, जबरन वसूली, सुपारी किलिंग , अवैध जुआ, व्याज पर कर्ज देना, संपत्ति से जबरन बेदखल करना इत्यादि
जन्मस्थान (Place of Barth)कुनर प्रांत, अफगानिस्तानी अमीरात ( अफगानिस्तान) (Kunar Afghanistan)
पत्नी का नाम (Wife)ज्ञात नहीं 
प्रसिद्धीअंडरवर्ल्ड  डॉन 
प्रसिद्द नाम लाला या करीम लाला 
लड़के ज्ञात नहीं 
भाई का नाम रहीम खान 
म्रत्यु की तिथि Date Of death 19 फरवरी 2002 (19 February 2002)
मौत का कारण (Cause of death) बीमारी 
करीम लाला की संपत्ति (Karim Lala Net worth)ज्ञात नहीं 
karim lala biography in hindi

डिस्क्लेमर 

तो दोस्तों Karim Lala Biography In Hindi के माध्यम से एक डॉन की कहानी जिसके ऊपर Karim Lala Movie भी बन चुकी और एक Movie आने वाली है जिसमे करीम लाला को दिखाया गया है

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