[पंचायत चुनाव ] ग्राम प्रधान या मुखिया कैसे बने | ग्राम पंचायत चुनाव के नारे

Gram Panchayat chunav kaise jeete

प्रधान कैसे बने : ग्राम प्रधान, मुखिया या सरपंच का पद ग्राम पंचायत में सबसे महत्त्वपूर्ण पद होता है, और जब भी गावों में प्रधानी का इलेक्शन आता है गावं की राजनीती बहुत ही गरम हो जाती है!

इन चुनाव को जीतने और चुनावी माहौल बनाने में नारों का अपना महत्त्व होता है इस पोस्ट में हम ग्राम प्रधान चुनाव नारे बता रहे है जिन पंचायत चुनाव नारों को आप चुनाव प्रचार के दौरान इस्तेमाल कर सकते है!

चुनाव के समय नेता हर घर जाकर आपसे मुलाक़ात करते है, चुनाव जीतने के बाद पांच साल तक भैया ये आपसे कोई बात नही करते हैl

इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि यह चुनाव भारतीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था का सबसे छोटा इलेक्शन है और चुनाव जितना छोटा होता है उतने ही ज्यादा लोगो से आपकी सामाजिक, वैयक्तिक जान पहचान होती है! और उतना ही लोग प्रतिष्ठा का सवाल खड़ा करते है!  इसलिए यह चुनाव लोगो के लिए जीतना और प्रधान पद का पाना बहुत मुश्किल और प्रतिस्पर्धा युक्त हो जाता है!

ग्राम प्रधान की सूची कैसे देखे 

अगर आप प्रधानी चुनाव के अंतर्गत आरक्षण लिस्ट को देखना चाहते है तो अपने ब्लाक पर संपर्क करे वहां पर आरक्षण लागू होने के उपरांत सूची चिपका दी जाती है तथा स्थानीय मीडिया चैनल या समाचार पत्र में भी इसे दिख सकते है!

सरपंच या प्रधान कौन होता है

भारत एक कृषि प्रधान देश है और लगभग देश की 70% जनसँख्या गावो में निवास करती है ग्रामीण लोग मुख्यतः किसान होते है और इनकी आय का मुख्या साधन कृषि होती है! लोग खेतों में फसलो को उगाकर उनको बेचकर अपनी जीविका चलाते है!

गाव के दुर्गम इलाको तक प्रशासनिक पहुच आम जनमानस तक मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध करने हेतु एक प्रतिनिधि को ग्राम सभा की जनता द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया के तहत चुना जाता है जिसे ग्राम प्रधान, सरपंच या मुखिया के रूप में जाना जाता है!

प्रधान पद उम्मीदवार हेतु जरूरी दस्तावेज

Garm Pradhan के कार्य

प्रधान नियुक्त होने के पश्चात उसे संवैधानिक पद की सपथ दिलाई जाती है, तथा उसे अपने गाँव तथा उस ग्राम सभा के अंतर्गत आने वाले सभी मजरों में विकास का कार्य करने की जिम्मेदारी मिल जाती है! प्रधान पद मिलने के बाद प्रधान निम्न कार्यों का निर्वहन करता है-

  1. ग्राम सभा में पीने के पानी की व्यवस्था के लिए राजकीय नलकूपों की मरम्मत का कार्य करवाना
  2. महिला एवं बालविकास के कार्य को करना
  3. पशु धन विकास सम्बन्धी कार्यो को करना
  4. गाँव में मंरेगा सम्बन्धी कार्यो की देखभाल करना जिससे गाँवो के लोगो को रोजगार की प्राप्ति हो
  5. प्रधान मंत्री आवास योजना में पात्र अपात्र लोगो की सूची तैयार करने में प्रशासन की मदत करना
  6. युवा कल्याण से सम्बंधित कार्यो को करना
  7. ग्रामसभा में नाली, खडंजा, कच्चे रास्तो का निर्माण तथा उनकी मरम्मत का कार्य करवाना
  8. सरकारी योजनाओ को धरातल पर लागू होने तथा सही व्यक्तियों तक उसका लाभ मिले यह सुनिश्चित करना
  9. शिक्षा व्यवस्था को सुद्रण बनाने के लिए प्राथमिक विद्यालयों और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के निरिक्षण का कार्य करना
  10. प्रधानमंत्री स्वास्थ्य भारत अभियान को सफल बनाने हेतु सफाई की व्यवस्था करना
  11. राशन की दुकान का आवंटन एवं इसके निस्तारण का कार्य कराना.

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ग्राम प्रधान [प्रधानी] का चुनाव कब होगा

ग्राम प्रधान की सूची का निर्धारण कब होगा? प्रधानी का चुनाव कब और कैसे होगा या ग्राम प्रधान इलेक्शन कैसे होता है? इसकी एक सामान्य प्रक्रिया है प्रत्येक प्रधान का कार्यकाल पाच वर्षो का होता है, और गाँव की जनता के द्वारा ही प्रधान को चुनकर नियुक्त किया जाता है! 5 वर्ष बीत जाने के उपरांत राज्य सरकारों के द्वारा और निर्वाचन आयोग के द्वारा आरक्षण की व्यवस्था को लागू करने के उपरांत इसकी लिस्ट जारी की जाती है! जिसके तहत प्रधानी चुनाव कराया जाता है!

प्रधान कैसे बने

ग्राम प्रधान का चुनाव गाँव की जनता के द्वारा किया जाता है और यह वे लोग होते है जो आपके सबसे करीब होते है! आपके बारे में आपसे ज्यादा जानते है! इसलिए अगर आपको प्रधानी का चुनाव लड़ना है तो सबसे पहले आपको गाँव की जनता के साथ अपनत्व स्थापित करना होगा! और लोगो के साथ भवनात्मक रूप से उनके सुख दुःख में साथ रहना होगा!

लोगो का निःस्वार्थ भावना से कार्य करना होगा और सभी का सही मार्ग दर्शन करना होगा! सभी सामाजिक कार्यो में बढचढ कर भाग लेना तथा उनके निष्पादन की समुचित व्यवस्था कराना आदि कार्य करने पर आप जनता में लोकप्रिय हो जायेंगे और जनता आपको खुद इस योग्य समझने लगेगी! तब आपको प्रधान बनने से कोई रोक नहीं सकता!

प्रधान बनने हेतु योग्यता

ग्राम प्रधान बनने के लिए आपके पास निम्न योग्यता होना जरूरी है

  • वह भारत का नागरिक हो
  • उसकी उम्र कम से कम 21 वर्ष हो
  • प्रधान पदं हेतु उम्मीदवार का उस ग्रामसभा की निर्वाचन सूची में नाम हो
  • कुछ राज्यों में शैक्षिक योग्यता मापदंड भी रखा गया है तो आप उस राज्य के द्वारा निर्धारित शैक्षिक योग्यता रखते हों
  • वह मानसिक रूप से बीमार न हो
  • सजायाप्ता व्यक्ति न हो
  • आरक्षित सीट के लिए वह उस श्रेणी के लिए पात्र हो

प्रधान को मिलने वाला वेतन

पहले प्रधान को बहुत कम या कोई वेतन नहीं दिया जाता था परन्तु समय के साथ इसकी मांग हुई और सभी राज्य सरकारों ने अपने नियमानुसार प्रधानो का वेतन निर्धारित किया है!

उत्त्तर प्रदेश सरकार एक निर्वाचित प्रधान को 3,500 रु. को वेतन स्वरूप प्रदान करती है इसके आलावा यात्रा भत्ता और अन्य प्रकार के खर्चो के लिए उसे 15,000रु. दिए जाते है!

परन्तु यह बात हम केवल U.P. प्रधानो की कर रहे है अन्य राज्य अपने प्रधानो या सरपंचो का वेतन अपने तरह से निर्धारित करते है!

ग्राम पंचायत के प्रधान का चुनाव कैसे होता है

प्रत्येक ग्रामपंचायत अपने मुखिया का चुनाव पांच वर्ष में किया जाता है यह एक लम्बी प्रक्रिया और प्रशासन के देख रेख में संपन्न होते है! पांच वर्ष पूरे होने पर राज्य सरकार ग्रामसभा चुनाव संपन्न करने हेतु अपनी स्वीकृति निर्वाचन आयोग के पास भेजती है, तथा आरक्षण व्यवस्था लागू करके प्रत्येक ब्लॉक पर इसकी सूची चस्पा कर दी जाती है!

इसके बाद निर्वाचन आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी करता है और आचार संहिता लागू हो जाती है! इसके बाद एक निश्चित तिथि के अन्दर प्रधान पद के उम्मीदवार अपना नामांकन हेतु निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होकर पर्चा दाखिल करते है!

इसके बाद उनकी जाँच की जाती है और अगर कोई भी पाना नामांकन वापस लेना चाहता है तो उसके लिए भी निश्चित तिथि निर्धारित की जाती है!

इन सभी प्रक्रियाओं के बाद बचे उम्मीदवारों को उनके चुनाव निशान का निर्धारण होता है जिसके साथ वह जनता के बीच अपना प्रचार प्रसार करते है! फिर चुनाव के दिन लोग अपने पसंदीदा उम्मीदवार के लिए वोट करते है और अपने वोट को मत पेटी में डाल देते है!

मतदान होने के बाद मातगणना कार्य संपन्न होता है जिस भी प्रत्यासी को गाँव की जनता ने सबसे ज्यादा मत प्रदान किये होते है उसे ग्राम प्रधान के रूप में नियुक्त कर दिया जाता है तथा उसे एक प्रमाण पात्र दिया जाता है!

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शपथ

जब सभी ग्राम प्रधानो का चयन हो जाता है तो इन सबको एक निश्चित तिथि को पद और गोपनीयता की सपथ पीठासीन अधिकारी द्वारा दिलाई जाती है!

ग्राम प्रधान को प्राप्त अधिकार

पंचायती राज के अनुसार ग्राम प्रधान बनने के बाद गाँव और ग्रामसभा के सम्पूर्ण विकास के लिए अलग-अलग 6 समितियों का गठन किया जाता है जिसका अध्यक्ष प्रधान होता है ये समितियां है

  1. प्रशासनिक कार्य समिति
  2. चिकित्सा स्वास्थ्य समिति
  3. शिक्षा समिति
  4. जल प्रबंधन समिति
  5. नियोजन कार्य समिति
  6. निर्माण कार्य समिति

इन समितियों के निर्माण के उपरांत गाँव के विकास कार्यों की शुरुआत की जाती है और प्रधान ग्राम सभा की बैठक बुलाता है इसकी कार्यवाही को नियंत्रित करने का कार्य करता है!

साल में कम से कम दो बार ग्राम सभा की बैठक का आयोजन करना जिसका अधिकार प्रधान का होता है

ग्राम पंचायत या ग्राम सभा क्या होती है

हमारे देश में 2 लाख 39 हजार ग्राम पंचायतें है जिनके माध्यम से सरकार गावों के विकास कार्यों को संपन्न कराने का कार्य किया जाता है प्रत्येक ग्रामसभा के विकास कार्यो की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान और निर्वाचित सदस्यों [पंचों] की होती है!

किसी भी ग्रामपंचायत के गठन हेतु सबसे महत्वपूर्ण यह है कि वहां की जनसँख्या कम से कम 200  होनी चाहिए और उस ग्राम सभा का एक प्रधान निर्वाचित किया जाता है! और इस बैठक की सूचना 15 दिन पहले देना अवश्यक है!

पंचो की नियुक्ति

प्रधान के आलावा गावों के विकास कार्यो के सुचारू रूप से करवाने के लिए ग्राम पंचायत सदस्यों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है और प्रधान पद के चुनाव के साथ इनका भी चुनाव जनता द्वारा किया जाता है!

प्रत्येक गाँव में उसकी आबादी के अनुरूप सदस्यों का गठन किया जाता है जैसे

1000 आबादी तक 10 ग्राम पंचायत सदस्य

2000 आबादी तक 11 ग्राम पंचायत सदस्य

3000 आबादी तक 15 ग्राम पंचायत सदस्य

क्या समय से पहले प्रधान को हटाया जा सकता है

जी हाँ अगर किसी भी ग्राम सभा का निर्वाचित प्रधान जनता के अनुरूप कार्य नहीं कर रहा है तो उसे हटाया भी जाता है इसके लिए जिला पंचायत राज अधिकारी को लिखित में सूचित करना होगा और उस लीकित सूचना पात्र पर ग्राम सभा के आधे से अधिक सदस्यों के हस्ताक्षर होने चाहिए सूचना मिलने के 30दिनों के अन्दर पंचायत राज अधिकारी एक बैठक में उपस्थित सदस्यों [पंचों] से वोटिंग कराता है और अगर 2/3 बहुमत प्रधान के खिलाफ होता है तो उसे पदमुक्त कर दिया जाता है!

Rating: 3 out of 5.

प्रधान चुनाव के नारे, शायरी  फोटो और पिक्चर सहित 

कोई भी चुनाव हो इन चुनावो का माहौल उनमे इस्तेमाल होने वाले नारों के द्वारा बनता है! प्रधानी के चुनावी नारे जमीन से जुड़े होते है और इनके मुद्दे भी!

हम यहाँ पर Election nare in Hindi में उपलब्ध करा रहे है जिनको आप इस्तेमाल करके माहौल बना सकते है! पंचायत चुनाव के नारे आप प्रधान पद को जीतने के लिए इस्तेमाल कर सकते है और इनकी इमेज डाउनलोड करके प्रचार के लिए इस्तेमाल कर सकते है!

ग्राम प्रधान कैसे बने

विकास के रथ पर होकर सवार
गाँव परिवर्तन करेगा अबकी बार

इस खेल में बहुत खिलाड़ी मैदान में आते हैं,@@@@@ लेकिन नेता जी को हराने वाले अभी तक पैदा नहीं हो सके हैंl###@@@

Panchayat Chunav Nare Hindi me

प्रधान चुनाव के नारे

यूपी प्रधानी चुनाव नारे 

*#######बड़ा महँगा हर सामान का भाव हो जाता है, $$$$$$जब हमारे देश में सम्पन्न चुनाव हो जाता है@@@###$$

दर दर नहीं पड़ेगा खोजना!
घर घर पहुंचेगी सरकारी योजना !!

प्रधान चुनाव के नारे

यूपी ग्राम प्रधान चुनाव की शायरी 

जो देगा जनता का होगा सहारा
वाही बनेगा जनता की आँखों का तारा

सच्चे और श्रेष्ठ उम्मीदवार को बनाना है गांव का प्रधान, तभी होगा किसानों और ग्राम वासियों की हर समस्या का समाधान***

प्रधान चुनाव के नारे

डिस्क्लेमर

तो दोस्तों आपको प्रधान कैसे बने हमारे प्रधानी इलेक्शन से सम्बन्धित और प्रधान के नियुक्ति से सम्बंधित यह लेक कैसा लगा हमें कमेन्ट करके जरूर बताएं और अगर इसी प्रकार कोई अन्य जानकारी चाहते है या आपके मन में कोई सवाल आता है तो आप हमसे पूछ सकते है!

Rating: 5 out of 5.

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