राम और रामायण की कहानी – जो आपको सोचने पर मजबूर कर दे!

रामायण एक ऐसा ग्रन्थ जिस पर लाखो लोग अध्ययन करते है, प्रतिदिन दुनिया में करोडो लोग इसका पाठ करते है! परन्तु इसके रहस्य को पार पाना शायद मानव के वश के बाहर है! रामायण की कहानी को पढ़कर सुनकर और Ramayan ki puri kahani के ऊपर अमल करके लोग अपने जीवन को धन्य करते है!

About Ramayana in Hindi

रामायण वैसे तो कहने के लिए एक ग्रन्थ है, जो संस्कृत में महर्षि वाल्मीकि ने उस समय ही लिख दिया था जब भगवान पुरुषोत्तम श्रीराम इस भारत भूमि पर अपनी लीला कर रहे थे! परन्तु इसको घर – घर में पहुचाने और जन मानस के समझ हेतु राम चरित मानस के रूप में गोस्वामी तुलसीदास जी ने अवधी भाषा में अनुवाद किया और इसे महाकाव्य के रूप में अमर कर दिया!

Ramayan kahani video के रूप में जीवंत करने का कार्य रामानन्द सागर जी ने किया जोकि अब वह हमारे बीच नही है परन्तु सम्पूर्ण रामायण के नाम से एपिसोड को उन्होंने जब दूरदर्शन पर प्रसारित किया तो वह एक मिसाल बन गया! और उसने राम के चरित्र को दुनिया में लोगो ने आँखों से दिल में उतारा! रामायण के रूप में रामजी की कथा जब भी प्रसारित होती थी तो पूरे देश में सन्नाटा हो जाता था और लोग सारे काम काज छोड़कर केवल टीवी के पास बैठ जाते थे!  

रामायण के काण्ड

सम्पूर्ण रामायण की कहानी को अधिक प्रभावशाली और समझ अनुरूप सरलीकरण के लिए इसे सात अध्याय (काण्ड) में विभक्त किया गया है!

  1. बालकाण्ड  
  2. अयोध्याकाण्ड
  3. अरण्यकाण्ड
  4. किष्किंधाकाण्ड  
  5. सुन्दरकाण्ड  
  6. लंकाकाण्ड
  7. उत्तरकाण्ड  

Ramayana Story In Hindi

आदिकवि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत रामायण में 24000 श्लोक है तथा रामचरित मानस जिसे तुलसीकृत रामायण भी कहा जाता है! तुलसीकृत रामचरित मानस में  27 श्लोक, 9218 चौपाई, 1173 दोहे,  87 सोरठे और 228 छंद हैं!

रामायण की पूरी कहानी त्रेता युग से शुरू होती है, त्रेता युग सतयुग के बाद और द्वापर युग से पहले आता है!

इस पोस्ट में हम रामायण कथा Summary in Hindi के माध्यम से संक्षेप में रामायण पर सम्पूर्ण रामायण पर चर्चा करेंगे! तथा इस बीच में कुछ ऐसी घटनाओ का वर्णन विस्तार पूर्वक करेंगे जो आपको विचार करने पर मजबूर कर देंगे!

रामायण के महत्वपूर्ण पात्र

वैसे तो रामायण राजा राम के जीवन चरित्र को दर्शाती है! परन्तु इसमें कई महत्वपूर्ण चरित्र है! राजा दशरथ, माता कौशल्या, माता सुमित्रा, माता कैकेयी, भगवान राम, भाई -लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न, गुरु वशिष्ठ, सीता माता, राजा जनक, सूर्पनखा, केवट, मरीचि, जटायु, हनुमान, अंगद, सुग्रीव, जामवन्त, विभीषण, रावण, मेघनाद, मन्दोदरी, सुलोचना, कुम्भकरण आदि प्रमुख पात्र है! इसके आगे अब हम प्रत्येक कांड की कहानी का संक्षेप में अध्ययन करेंगे!

बाल काण्ड 

यह कांड अयोध्या के राजा दशरथ के द्वारा पुत्र कमेष्ठी यज्ञ के द्वारा दिए गए प्रसाद से चार पुत्रो माता कौशल्या से राम, सुमित्रा से लक्ष्मण और शत्रुघ्न तथा कैकेई से भरत का जन्म होता है!

ऋषि विश्वामित्र द्वारा यज्ञ की रक्षा हेतु राम और लक्ष्मण को ले जाना! जनक पुर में धनुष यज्ञ में धनुष तोड़कर सीता के साथ राम का विवाह, लक्ष्मण के साथ उर्मिला, भरत के साथ माण्डवी और शत्रुघ्न के साथ श्रुतकीर्ति के विवाह के साथ यह काण्ड समाप्त हो जाता है!  

अयोध्याकाण्ड

विवाहोंपरांत सभी ख़ुशी के माहौल में थे दशरथ ने राम का राजतिलक की तैयारी की! कैकेयी का कोपभवन गवन, दशरथ मरण और राम वनगमन केवट मिलन की कहानी को दर्शाता है! इस कांड में सबसे महत्त्व पूर्ण पात्र है कैकेयी का! कैकेयी ने राम को वन क्यों भेजा और राम पर पड़ने वाली सारी विपत्तियों तथा राजा दशरथ के म्रत्यु का प्रमुख कारण भी इसे ही माना जाता है! और लोग कैकेयी को विलेन के रूप में जानते है! तथा इस नाम से इतनी नफ़रत करते है की कोई भी हिन्दू अपनी लड़की का नाम कैकेयी नहीं रखता!

परन्तु इसके विपरीत कैकेयी क्या इतनी निष्टुर थी, क्या रानी कैकेयी ने जान बूझकर राजा दशरथ को मरने पर मजबूर किया! इन सबके पीछे के असली वजह क्या थी!

अवश्य पढ़े … कैकेयी का चरित्र चित्रण – लड़की का नाम कैकेयी क्यों नहीं रखते

इसके अतिरिक्त भरत का राम को मनाने हेतु वन जाना राम भरत मिलाप और राम की चरण पादुका लेकर भरत का अयोध्या वापस आकर सिंघासन पर इन्हें स्थापित करना!

अरण्यकाण्ड

राम का चित्रकूट में जाना महात्मा अत्रि की पत्नी अनुसुइया को पतिव्रत धर्म का ज्ञान देना, दण्डक वन जाना और पंचवटी में निवास करना! इसके उपरांत शूर्पणखा की नाक कान लक्ष्मण द्वारा कटा जाना, खर दूषण युद्ध, मारीचि का स्वर्णम्रग बनकर आना! सीता हरण, जटायु उद्धार और राम का सीता वियोग में विलाप इस काण्ड की प्रमुख कहानी है!

किष्किंधाकाण्ड

सीता हरण के उपरांत भगवान् राम सीता की खोज में ऋष्यमूक पर्वत के निकट आते है जहा इनकी मुलाकात वीरो के वीर महावीर (हनुमान) से होती है! जो सहायता हेतु सुग्रीव से मित्रता करते है!

राम द्वारा सुग्रीव के भाई बालि का वध होता है और अंगद को किष्किंधा का   

युवराज घोषित कर दिया जाता है! इसके पश्चात वानर और भालू के साथ हनुमान, जामवन्त का सीता की खोज के लिए जाना!

सुन्दरकाण्ड

हनुमान का समुद्र पार करके लंका को जाना वहा विभीषण की सहायता से सीता से मिलन, लंका दहन करके वापस आकर राम को सूचना देना! रावण का विभीषण को लात मरकर लंका से निष्कासित कर देना, विभीषण का राम की शरण में आना यह इस कांड की कहानी को दर्शाता है!

लंकाकाण्ड

नल और नील की मदत से समुद्र पर पुल का निर्माण, रामेश्वरम की स्थापना वानर सेना के साथ राम और लक्ष्मण का लंका में प्रवेश! अंगद का दूत बनकर जाना, मंदोदरी का रावण को समझाना!

रावण के द्वारा शांति के प्रस्ताव को नामंजूर करना और फिर युद्ध का प्रारंभ! लक्ष्मण को मेघनाद के शक्तिबाण से मुर्छित होना! हनुमान का संजीवनी लाना! मेघनाद वध, सुलोचना विलाप, कुम्भकरण वध और अनन्तः रावण वध के उपरांत पुष्पक विमान के द्वारा राम का अयोध्या वापस आना इस कांड की कहानी को चित्रित करता है!

उत्तरकाण्ड

उत्तरकांड में राम सीता और लक्ष्मण केअयोध्या में आगमन की खुसी में अयोध्या वासियों द्वारा दीपो से अयोध्या को सजाया गया तभी से दीपावली मनाई जाती है! गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा उत्तर कांड को कुछ स्तुति आदि गाकर समाप्त कर दिया जाता है! परन्तु महर्षि वाल्मीकि ने इसके आगे की कथा में सीता वनवास लवकुश कांड अश्वमेघ यज्ञ और सीता का धरती में समाना राम कहानी राम और लक्षमण के जीवन का अंत तक की कहानी को भी दर्शाया है!

सपनो का अर्थ – Sapno ka Matlab aur Swapn Phal Hindi me

तो दोस्तों आपको हमारी यह संक्षेप रामायण की कहानी कैसी लगी कमेन्ट करके जरूर बताये!

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