Hydroponic Farming तकनीकी से किस प्रकार खेती होती है

बिना मिटटी के खेती करने की तकनीकी, लागत, ट्रेनिंगऔर बहुत कुछ   

Hydroponic Farming in hindi तकनीक एक ऐसी विधि है जिसको अपनाकर बिना मिटटी के खेती को बहुत ही वैज्ञानिक तकनीक से किया जाता है! आप लोगो ने देखा होगा या अपने घर पर इस प्रकार का अविष्कार भी किया होगा कि किसी पौधे को ग्लास या बोतल में पानी भरकर उसमे डाल देते है, और हम देखते है कि कुछ दिनों में उसमे जड़ उत्पन्न होने लगाती है! तो इससे यह सिद्ध होता है without soil के farming या बिना मिटटी के भी खेती करना संभव है!

हाइड्रोपोनिक फार्मिंग करने की विधि को (startup ideas) अपनाकर आप अपने घर की छत पर सब्जी की खेती करके अपने home farming बिज़नेस से बहुत अच्छी इनकम कर सकते है!

हाइड्रोपोनिक्स क्या है? इसका क्या महत्व है? और हाइड्रोपोनिक्स खेती करने में कितना खर्चा आता है? इसके बारे में विस्तृत जानने के लिए और अगर आप इसे अपनाकर वर्टिकल फार्म बनाना चाहते है तथा अपनी कमाई का जरिया बनाना चाहते है तो यह पोस्ट आपके लिए है!

हाइड्रोपोनिक्स कृषि क्या है?(What is Hydroponics farming in Hindi)

Hydroponics Farming in hindi meaning होता है जलीय खेती, इस कृषि को करने में मिटटी का इस्तेमाल नहीं किया जाता बल्कि पानी के माध्यम से इस खेती को किया जाता है, इसमें पानी के साथ ही पौधों को खनिज पोषण (Mineral nutrition) को पहुचाया जाता है!

एक पौधे को बढ़ने के लिए सूर्य का प्रकाश और न्यूट्रिशन की जरूरत होती है जो अगर पौधे को उपयुक्त मात्रा में मिलते रहे तो Soil Less Farming को छत पर या किसी भी जगह पर किया जा सकता है!

Hydroponic Farming

हाइड्रोपोनिक्स खेती कैसे करे?

मिट्टी रहित खेती  को करने के लिए आपको जरूरी पोषक तत्वों, बालू, कंकड़, कोको-पिट, परलाइट आदि की आवश्यकता होती है! जिसे किसी गमले,नाली युक्त टंकी, पाईप, बैग आदि का प्रयोग इस प्रकार किया जाता है कि पानी का बहाव हमेसा बना रहे क्योकि पानी के साथ ही न्यूट्रिशन यानि आवश्यक पोषक तत्व भी पौधों को मिलता रही!

हाइड्रोपोनिक खेत व्यवसाय शुरू करने से पहले हाइड्रोपोनिक खेती की ट्रेनिंग अगर संभव हो तो आवश्यक कर ले, जिसके माध्यम से युवा किसान को यह जानकारी मिलती है, कि जिन पौधों को आप लगाने जा रहे है या जिस खेती को आप करना चाहते है!

उनको किस प्रकार के और कितनी मात्रा में पोषण आहार की जरूरत होगी, पौधों की जड़ो को आक्सीजन किस प्रकार उपलब्ध कराया जाए! पौधों को लगाने के लिए किस प्रकार का सेटअप लगाया जाये और किस फसल को कितने तापमान को जरूरत पड़ेगी!

हाइड्रोपोनिक खेती के लिए जरूरी बाते

  • हाइड्रोपोनिक्स तकनीक में मिटटी का इस्तेमाल न होने के कारण आपको सरे जरूरी पोषक तत्व पौधों तक तरल रूप में पहुचने पड़ते है!
  • इस Techniques से खेती करने से पौधे मिट्टी से सम्बंधित बीमारियों और अन्य प्रकार के प्रकोप से बचे रहरे है जिसके कारण उत्पादन भी अच्छी क्वालिटी का होता है तैयार सब्जियां और उत्पाद बहुत ही आकर्षक, स्वस्छ और गुणवत्ता परक होते है!
  • इस खेती को आप ऐसी जमीन पर या स्थान पर कर सकते है जिसका इस्तेमाल खेती करने या किसी अन्य प्रयोजन के लिए न किया जा रहा हो, अथवा जिस स्थान की मिटटी में फसल मृदा जनित रोगों के कारण ख़राब हो जाती हो!
  • आप अगर हाइड्रोपोनिक उर्वरक बाजार से खरीदते है तो थोडा महंगा हो सकता है इस लिए आप जैविक खेती के लिए घर पर जैविक उर्वरक तैयार करके अधिक लाभ कम सकते है!
  • पौधों को विशुद्ध रसायन पदार्थों (Chemicals Substances) को उनकी किस्म और अवस्था के अनुसार घोल के रूप में दिया जाता है जिसक पी.एच. मान 5.8 से 6.5 के बीच और ई.सी. 2 के लगभग होना चाहिये तभी पौधों का विकास सही तरीके से होगा!
  • इस पद्धति से उत्पादित सब्जियों अच्छी गुणवत्ता के कारण अन्य की अपेक्षा महंगे दामो पर बिकती है!
Hydroponic Farming

अधिक उत्पादन हेतु महत्वपूर्ण बिन्दु

Soil Less Farming में आपको जिस फसल का उत्पादन करने की सोंच रहे है उसके पौधों के लिए उचित दूरी का हमेशा ख्याल रखा जाये, जिन पौधों को कम जगह को जरूरत होती है जैसे धनिया, पत्ता गोभी, फूलगोभी, आदि को आप करीब लागा  सकते है और बड़े पौधों जैसे बैंगन, मिर्च, टमाटर, आदि के लिए ज्यादा स्थान की जरूरत होगी अतः इन्हें दूर-दूर लगाया जाना चाहिए!

  • जब पौधे बड़े होने लगे तो उन्हें रोकने के लिए किसी सहारे की आवश्यकता होगी तो उसका प्रबन्ध करना चाहिए!
  • बेल वाले पौधे जो ऊपर की तरफ बढ़ते है उन्हें इस प्रकार का सेटअप करे की अगर छोटे पौधे नीचे लगे हो तो सूरज का प्रकाश उन तक प्रचुर मात्रा में मिलता रहे!
  • अगर सूरज की रोशनी पर्याप्त मात्रा में न मिले तो कृतिम प्रकाश की व्यवस्था होनी चाहिए!
  • इस प्रणाली में पानी पारम्परिक खेती की अपेक्षा बहुत कम खर्च होता है लेकिन पानी का प्रवाह लगातार बना रहे इसके लिए पॉवर की व्यवस्था होनी चाहिए!
  • पौधों की नियमित देखभाल होनी चाहिए अगर किसी पोषक तत्व की कमी के कारण पौधों के विकास में रूकावट आ रही है तो उसे जल्द सा जल्द पूरा किया जाना चाहिए!
  • इन सभी बातो पर अमल करके हाइड्रोपोनिक्स फार्मिंग के माध्यम से अच्छा उत्पादन किया जा सकता है!

हाइड्रोपोनिक्स पोषक तत्व (hydroponics nutrients)

पोषक तत्वों की बात करे तो इस प्रणाली में अगर जैविक पोषक तत्वों का इस्तेमाल किया जाये तो बहुत अच्छा रहता है परन्तु आप अगर घर पर इन्हें नहीं बना सकते तो बाजार में उपलब्ध एन. पी. के. एस, सीए नाइट्रोजन आदि का इस्तेमाल कर सकते है तथा स्पेशल तरल हाइड्रोपोनिक्स पोषक तत्व भी उपलब्ध है जो इस्तेमाल किये जाते है!

हाइड्रोपोनिक्स उर्वरक अन्य पारंपरिक उर्वरक से महंगे होते है जिसमे सूक्ष्म तत्व भी जैसे लोहा, जिंक, मेगनीज, मैग्नीशियम, कॉपर आदि भी प्रचुर मात्रा में मिलते है!

सरकारी सहायता (Government Subsidy)

अभी तक जैविक खेती को छोड़कर सरकार द्वारा इस प्रणाली को सहायता नहीं मिल रही है लेकिन समय और मांग के साथ इसको भी सरकार द्वारा सहायता मिले बिना इसका विकास सम्भव नहीं है, क्योकि यह प्रणाली बहुत महँगी है परन्तु जितना विकास बढ़ रहा है उतना ही आने वाले समय में जमीन की कमी होगी तो इस प्रणाली पर ज्यादा निर्भरता बढ़ेगी!

Hydroponics cast india में बहुत ज्यादा है एक अनुमान के मुताबिक दो लाख से ढाई करोड़ रुपये तक का प्रोजेक्ट है जो एक सामान्य भारतीय किसान के लिए बहुत महंगा है!

पश्चिमी देशो में इसका प्रचालन बहुतायत मात्रा में हो रहा है क्योकि इससे गुणवत्ता परक सब्जियां मिलती है जो काफी पौष्टिक होती है

निष्कर्ष

इसका महत्व  हमारे देश में भी कई राज्यों में जहा पर पानी की कमी है, तथा शुष्क जलवायु है! जैसे राजस्थान इनमे चारे की समस्या हमेसा बनी रहती है वहा पर इस तकनीकी को अपनाकर चारे का उत्पादन किया जा सकता है! परम्परागत बागवानी में अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है लेकिन यह प्रणाली केवल 10 से 20 प्रतिशत पानी का ही उपयोग करती है जिससे जल की बहुत बचत होती है! इस प्रणाली का उपयोग करके घर की छतो पर(Polly house farming) फसलो को उगाया जा सकता है, जोकि काफी लाभकारी होगा!

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